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डीएससीआई और माइक्रोसॉफ्ट ने शुरू किया साइबरशिक्षा
एक प्रोग्राम जो महिलाओं में छिपी प्रतिभा को पहचान कर उन्हें साइबर सिक्योरिटी पेशेवर बनने में मदद करेगा
नई दिल्ली. देश में साइबरसिक्योरिटी प्रणाली को सशक्त बनाने के प्रयास में माइक्रोसॉफ्ट और डेटा सिक्योरिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया (डीएससीआई) ने तीन वर्षीय प्रोग्राम साइबरशिक्षा का लॉन्च किया है जो महिलाओं को इस क्षेत्र में पेशेवर कौशल प्रदान करेगा। सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय ;डमपजल्द्ध के आईएसईए के सहयोग से शुरू किया गया साइबरशिक्षा प्रोग्राम साइबर सिक्योरिटी को महत्वपूर्ण सेगमेन्ट के रूप में उभरने में मदद करेगा और उद्योग जगत की आवश्यकतानुसार युवाओं को इस क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण देगा।
प्रोग्राम का लॉन्च आज नई दिल्ली में किया गया। इस मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी, डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया की सीईओ मिस रमा वेदश्री और माइक्रोसॉफ्ट इण्डिया के प्रेज़ीडेन्ट श्री अनंत महेश्वरी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह के दौरान इस तथ्य पर रोशनी डाली गई कि भारत को साइबर सिक्योरिटी के अनुसंधान एवं विकास के लिए विश्वस्तरीय आर एण्ड डी पावरहाउस के रूप में विकसित किया जा सकता है।
साइबरशिक्षा के तहत देश भर के दस स्थानोंं के वंचित समुदायों से 1000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित कर रोज़गार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। विज्ञान में स्नातक 20-27 वर्षीर्य महिलाएं साइबरशिक्षा में शामिल हो सकती हैं, दिव्यांगों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। प्रोग्राम की पहली प्रावस्था आज से नोएडा, पटना, हैदराबाद और मोहाली में शुरू हो रही है।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विद्युत एवं सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी ने कहा, ‘‘देश में साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में कौशल की दृष्टि से मौजूद खामियों को दूर करना बहुत ज़रूरी है। उद्योग, सरकार एवं अकादमिक जगत मिलकर देश में आवश्यक साइबरसिक्योरिटी कौशल के विकास के लिए काम कर रहे हैं। डीएससीआई और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम मंत्रालय के आईएसईए प्रोग्राम के अनुरूप है। यह न केवल देश में कौशल की दृष्टि से मौजूद खामियों को दूर करेगा बल्कि ज़्यादा संख्या में महिलाओं को साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।’’
इस मौके पर माइक्रोसॉफ्ट इण्डिया के प्रेज़ीडेन्ट श्री अनंत महेश्वरी ने कहा, ‘‘भारत विकास की अगले प्रावस्था में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में हमें डिजिटल क्षेत्र में कई गुना विकास की संभावनाएं दिखाई देती हैं। इस विकास के साथ आने वाले समय में साइबरसिक्योरिटी एवं आधुनिक सिक्योरिटी समाधानों की आवश्यकता बढ़ जाएगी। भारत ऑफशोर साइबरसिक्योरिटी आर एण्ड डी और सिक्योरिटी ऑपरेशन्स सेंटर्स के लिए मुख्य गंतव्य के रूप में उभर रहा है। इससे आने वाले समय में नई नौकरियां पैदा होंगी- जिनके लिए युवाओं को कुशल कार्यबल के रूप में तैयार करना ज़रूरी है। साइबरशिखा इसी दिशा में पहला प्रयास है। हमारा मानना है कि यह एक ऐसे आंदोलन काी शुरूआत है, जो सभी हितधारकों को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।’’
‘‘साइबरशिखा कई तरह से महत्वपूर्ण है। यह वंचित समुदायों की महिलाओं की क्षमता के विकास में मदद करेगा, उन्हें आजीविका के स्थायी साधन उपलब्ध कराएगा तथा उद्योग जगत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगा।’’ उन्होंने कहा।
नैसकॉम केे अनुसार वर्तमान में आईटी-आईटीईएस उद्योग में महिला कर्मचारियों की संख्या 34 फीसदी है। साइबरशिखा ऐसी व्यापक प्रणाली का निर्माण करेगा जहां महिलाओं को साइबरसिक्योरिटी को करियर के रूप में अपनाने के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा सरकार, उद्योग एवं अकादमिक जगत के साथ साझेदारी में सक्षम प्रशिक्षकों एवं बुनियादी सुविधाओं से युक्त सशक्त प्रशिक्षण नेटवर्क की स्थापना की जाएगी। यह ऐसी अनुकूल नीतियां पेश करेगा जो उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप पेशेवरों के विकास में मदद करेंगी।
इस मौके पर डेटा सिक्योरिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया की सीईओ मिस रमा वेदश्री ने कहा, ‘‘साइबरसिक्योरिटी कौशल विकास एवं महिलाओं को साइबरसिक्योरिटी क्षेत्र में अवसर प्रदान करना समय की मांग है। डीएससीआई के लिए खुशी की बात है कि इसे साइबरशिखा प्रोग्राम के माध्यम से महिलाओं को साइबरसिक्योरिटी पेशेवर के रूप में विकसित होने में मदद करने का मौका मिला है।’’
साइबरशिखा के पाठ्यक्रम में एक इंटरैक्टिव, 4 महीने का प्रशिक्षण कोर्स होगा जिसमें थ्योरी, केस स्टडीज़, प्रैक्टिकल शामिल होंगे। पाठ्यक्रम का प्रबंधन सेंटर फॉर डेवलपमेन्ट ऑफ एडवान्स्ड कम्प्यूटिंग ;ब्.क्।ब्द्ध के द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ विशेष सत्रों एवं कार्यशालाओं का आयोजन होगा; माइक्रोसॉफ्ट के स्वयंसेवी कर्मचारी सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग एवं टेकनिकल सेशन्स का आयोजन करेंगे। पाठ्यक्रम को सफ़लतापूर्वक पूरा करने वाले छात्रों के लिए कैंपस इंटरव्यू का आयोजन भी किया जाएगा।
साइबरशिखा माइक्रोसॉफ्ट ने वंचित समुदायों के लोगों को सही कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से साइबरशिखा की शुरूआत की है, ताकि ज़रूरतमंद लोगों को इस टेक्नोलॉजी उन्मुख दुनिया में आजीविका के स्थायी विकल्प मिल सकें। कंपनी अपने कौशल विकास प्रयासों के माध्यम से निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करेगीः
ऽ वंचित एवं ज़रूरतमंद युवाओं, बच्चों एवं महिलाओं के लिए शिक्षा और कौशल
ऽ रोज़गार केा लिए कम्प्यूटर साइंस में कौशल और कोडिंग
ऽ दिव्यांग युवाओं केे लिए टेक्नोलॉजी इनेबल्ड लर्निंग
अब तक माइक्रोसॉफ्ट ग्रामीण, आदिवासी एवं अप्रवासी समुदायों से लगभग 700,000 युवाओं को कौशल प्रदान करने में मदद कर चुकी है, जिनमें से 400,000 लोगों को नौकरियां भी मिल चुकी हैं।